क्लोन चेक के जरिए दिल्ली एम्स को लगाई 12 करोड़ की चपत

 


क्लोन चेक के जरिए दिल्ली एम्स को लगाई 12 करोड़ की चपत


नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दो बैंक खातों से क्लोन चेक के जरिए 12 करोड़ रुपये पार करने का मामला सामने आया है। जालसाजों ने करीब एक माह पहले दूसरे शहरों में स्थित एसबीआई की शाखाओं से इस घटना को अंजाम दिया। इसके बाद पिछले सप्ताह मुंबई और देहरादून की दो शाखाओं से करीब 29 करोड़ रुपये निकालने का प्रयास भी किया, हालांकि वे इसमें कामयाब नहीं हो सके। जिन दो खातों से एम्स को 12 करोड़ रुपये की चपत लगाई गई है, उनमें से एक खाता निदेशक और दूसरा डीन के नाम पर है। निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के नाम वाले मुख्य खाते से सात और डीन के खाते से पांच करोड़ रुपये निकाल लिए गए। एम्स प्रबंधन की ओर से पिछले सप्ताह ही इस मामले में न्यायिक जांच के लिए दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से शिकायत की गई है।


 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में एम्स ने एसबीआई कर्मचारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए निकाली गई रकम को वापस करने की मांग की है। उधर, एसबीआई ने भी देश भर में अलर्ट जारी करते हुए एम्स के क्लोन चेक पर निगरानी रखने के दिए हैं।एम्स ने मंत्रालय को भेजे जवाब में कहा है कि प्रारंभिक जांच में एम्स के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के इस घटना में शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई है। एसबीआई अन्य शाखाओं में सत्यापन प्रोटोकॉल पालन करने में नाकाम रही। हालांकि गंभीर बात है कि जाली चेक अल्ट्रा वॉयलेट रे (पराबैंगनी किरणों) जांच को पार कर गए और उसी क्त्रस्म संख्या के मूल चेक अब भी एम्स के पास हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक तीन करोड़ रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी होती है तो बैंक सीबीआई के पास शिकायत दर्ज कराते हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि एसबीआई ने मौजूदा मामले में सीबीआई से संपर्क किया है नहीं।